ये कहानी कक्षा 9 की है जब अल्पेश सर ने मुझे मुर्गा बनाया। मेरा नाम हेथ है कक्षा 9 में थोड़ा बहोत मस्ती खोर हो गया था कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 मस्ती खोर नहीं था। (कक्षा 9 मै हो गया)कक्षा 9 मै एक दिन मुर्गा बनाया था। वो हमारा (ENGLISH) लेते एक दिन। क्या हुआ हमारे सर को अचानक काम आपड़ा था। और सर बहार गए और र साथ में हमारी क्लास में से किसी एक लड़के को मोनीटर बना दिया और कहा किसी काभी बोर्ड पर नाम नहीं है, अगर नाम आए तो उसे पनिशमेंट मिलेगी चाहिए ये कहकर वे चले गए।
सर बहुत ज्यादा सकते थे। हेर छोटी गलती करने पर भी वह कुछ भी कर देते थे। मेरे साथ पहली बार हुआ था यह हमें पता ही नहीं था।
थोड़ी देर बाद सर आगए और बोर्ड पर नाम थे लेकिन उसमें(लड़कियों का नाम भी था ) in short(दोनो का नाम था) उनमेंसे मेरा नाम भी था। सर को गुस्सा आया और कहा कि जिस जिस का नाम है वो सब आगे आए (टेज) पर आइए और हम सभी आगे आगए पहले लड़कियों को कहा की अपनी सीट(जगह) पर अपने दोनों हाथों को उपर करदो लड़कियों को सिर्फ इतनी ही पनिशमेंट मिली। सभी लड़के लड़कों को उढक-बेढक कर वाया।
जींस के नाम आए थे उस दोनों को लड़के और लड़कियों को सभी को उढक-बेढक कर वाया। फिर 5 डंडे (સ્કેલ) मारे उसके बाद सर बोले कि जाओ आधे लड़के उस लड़की के पास जाओ जो हाथ ऊपर करके खड़ी है, आधे लड़के गए उसमें से में भी था फिर सर बोले उसके इसके बेंच पर खड़े हो जाओ।(बेंच उपली सपाटी यानी हम नोट रखकर लिखते हैं उस जगह) पेट सारे लड़के उस जगह पर खड़े होंगए फिर सर ने बोले कि सारे लड़के अब मुर्गा बनो।
और हम सब सर के मुर्गा बन गए थोड़ी देर बाद क्लास में फिर से आवाज आना शुरू हो गई सर को फिर से गुस्साए आने लगा [एक बात बताओ इस सारा गुस्सा हम लड़कों को पर ही क्यों निकालते हैं यह लोग(यह जरूर बताना कि सर हमेशा हम लड़कों पर गुस्सा क्यों निकालते हैं लड़कियों पर क्यों नहीं)] सर को गुस्सा आया औ��
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